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Monday, April 26, 2021

लड़की दक्षिण भारत की

 है एक लड़की

मिला नहीं कभी उससे

पर बातें काफी हो रही

हम दिलो-दिमाग इस्तेमाल नहीं करते

बस मुस्कुराहटें exchange हो रही 


दक्षिण भारत में रहती है

अच्छा बच्चा हमें कहती है

मैं silly jokes मारता हूँ

उसकी philosophy…

बिंदास नदी सी बहती है


फर्क उम्र में काफी है

छोटी तो वो है पर

उससे बहुत कुछ सीखना बाकी है

कभी दक्षिण भारत का रुख किया

तो एक वही मेरा साकी है

कुछ 2-3 दिन ही हुए अपनी बात को

अभी काफी कुछ जानना बाकी है


शायद कभी कभी मैं कुछ ज़्यादा बोल जाता हूँ

क्योंकि social awkwardness को  मैं बहुत भाता हूँ

और फिर अपनी जान को मैं एक आफत से मिलाता हूँ

एक आफत जो mask पहन कर आती है

और ‘चुप हो जाओ' वाले emoji से धमकाती है


इस आफत से टकराव अच्छा लगने लगा है

दोस्ती  का नया सा एहसास जगने लगा है

बस ऐसे ही बातें चलती रहे

जहाँ एक दूसरे को हसाते रहे

और मेरी गुलाबो के emoji  मुझे धमकाते रहे



Friday, February 8, 2013

उम्र बढती जाएगी


उम्र  बढती  जाएगी
जवानी चली जाएगी
फिर भी 
मेरी बूढी  होती उँगलियाँ 
तेरी  सफ़ेद लटों को सहलायेंगी
और तू मेरे झुर्रियों से भरे चेहरे के बीच 
छोटी-छोटी आँखों में अपना अक्स देख पायेगी
मैं भी तेरा चश्मा उतार कर  
कोशिश करूँगा खुद को देखने की
तेरी आदत नहीं  जाएगी 
शरमाकर  "रहने  दो” कहने  की 
और  मुझे कस के गले लगाने की
शरारती हम फिर भी रहेंगे
जब उम्र बढती जाएगी
और जवानी चली जाएगी|

काजल तेरी आँखों को जितना आज भाता है
तब भी उतना ही भायेगा 
बस फरक इतना होगा कि
वो तेरी बढती उम्र के कुछ साल खायेगा 
कपडे चुनते हुए तू तब भी confuse रहेगी
आज क्या पहनू? तू फिर से यही कहेगी
इतने सालों बाद तो शायद मुझे समझ आ ही जाएगी
कि  तुझपे तो सब जचता है, पर तुझे कब समझ आएगी
ये सब तब भी होगा
जब उम्र बढती जाएगी
और जवानी चली जाएगी|

फरवरी के कुछ एक दिन 
हमेशा की तरह इश्किया मौसम के रहेंगे  
Rose  Day पे मेरे मुरझाये हुए हाथ 
खिला हुआ गुलाब देंगे 
और Propose Day पे तेरे बूढ़े पति
अपने प्यार के इज़हार का जवाब लेंगे
जब उम्र बढती जाएगी
जवानी चली जाएगी पर
इस बूढ़े बूढी की प्रेम कहानी चलती जाएगी|

Tuesday, January 8, 2013

आँखें बंद करूँ या खोलूं



आँखें बंद करते ही तुम सामने आती हो
मुझे बताओ
आँख खुलते ही कहाँ चली जाती हो
आँखें खोले बिना मैं रह नहीं सकता
और तुम सामने ना हो ये मैं सह नहीं सकता
अब तुम बताओ मैं क्या करूँ
आँखें खोलूं या प्यार करूँ

अब आँख खुली तो तुम्हारी तस्वीर आँखों के सामने हैं
हाथ कहाँ हैं तुम्हारे, जो मुझे थामने हैं
तुम मुस्कुराती ही रहोगी या कुछ बोलोगी भी
अंदाज़ा ही लगाऊं या दिल के भेद खोलोगी भी
अब तुम ही बताओ मैं क्या करूँ
आँखें बंद कर लूं या तुम्हारा दीदार करूँ

तुम चुप चाप मत रहो
मैं आँखें बंद कर लेता हूँ
जो पूछना है पूछ लो  मैं जवाब देता हूँ
अगर मैं भी सिर्फ मुस्कुराता रहा
तो तुम्हे कैसा लगेगा
शायद तुम भी सिर्फ मुस्कुराओगी
क्योंकि दिल नज़रों के ज़रिये सब कुछ कहेगा|

Saturday, December 29, 2012

तेरे हाथों की मेहंदी

तेरे हाथों की मेहंदी फ़ीकी पड़  रही
हर बीते दिन के साथ
पर प्यार गहराता जा रहा
हर बीते पल के साथ

तेरे हाथों की मेहँदी में
जो मेरा नाम था
धुंधलाता जा रहा
पर एक अनकहा प्यार बढता ही जा रहा

तेरे हाथों की मेहंदी फीकी पड़ रही
हर बीते दिन के साथ
पर उसकी खुशबू घुल रही मुझमे
मेरी हर साँस के साथ।

Saturday, November 24, 2012

पहली बार तुझसे बात हुई

पहली बार तुझसे बात हुई
शायद ख़त्म  मेरी तालाश हुई 
मैं बोलता रहा
तू मुस्कुराती रही
मैं पूछता रहा
तू बताती रही
कुछ बातें बहुत ही ख़ास हुई 
जब पहली बार तुझसे बात हुई
 

तेरी बातों से तेरी ख़ुशी झलकी
दिल की धड़कन अलग ही तरीके से धड़की 
मैं पूछता रहा
तू सोचती रही
बिना बोले ही
तू दिल के अन्दर पहुँचती रही
कुछ धुंधली तस्वीरें भी साफ़ हुई
जब पहली बार तुझसे बात हुई

तेरी बातों ने तुझे मेरे और करीब ला दिया
"हम साथ हैं" एक ऐसा एहसास दिला दिया
मैं सुनता रहा
तू कहती रही
बिना देखे ही 
बातों की नाव बहती रही
इस जिंदगी के सफ़र में तू मेरे साथ हुई
जब पहली बार तुझसे बात हुई

Thursday, November 15, 2012

कहाँ है तू



तू कहीं भी हो

कुछ फरक नहीं पड़ता 

क्योंकि हर रात के बाद

है नया दिन चता 

तू दूर है कहीं

जहाँ मैं तुझे देख नहीं पाता 

पर तू मेरे दिल में ही है

मैं ये क्यों समझ नहीं पाता

मैं तेरी और मेरी मुलाकातों को याद करता हूँ 

पर वो कहते हैं मैं वक़्त बर्बाद करता हूँ

उन्हें  क्या पता

इन यादों में ही तेरा दीदार हो जाता है

न चाहते हुए भी फिर से प्यार हो जाता है।

Saturday, September 1, 2012

बात हो रही है तेरी मेरी

बात हो रही है तेरी मेरी 
अच्छा लग रहा है
फिर भी कोई दूर, 
बहुत दूर लग रहा है|

इतने दिन बात नहीं हुई 
फिर भी तू पास ही थी 
तेरी आवाज़ सुनी 
ख़ुशी  हुई
पर तू पास नहीं थी|

तेरी आवाज़ सुन के  
अब भी मुस्कुराता हूँ 
क्या सही में कुछ बदल गया 
बस इस सोच में पड़ जाता हूँ|
 
तू भी मुस्कुरा कर जवाब देती है
मेरी बातों का 
स्पर्श अभी भी याद है 
मुझे तेरे हाथों का
तेरी आवाज़ सुनते ही 
मुट्ठी  बंद कर लेता हूँ 
तेरा हाथ नहीं होता तो 
इस बुरे एहसास को अपनी 
हँसी में बंद कर देता हूँ|

खुश हो जाता हूँ यही सोच के 
कि बात हो रही है तेरी मेरी
काश जान  पाता क्या छुपा रही है
ये खुबसूरत मुस्कराहट तेरी|

Friday, August 24, 2012

मैं क्या चाह रहा

मैं कोने में बैठा  
कुछ सोच रहा, कुछ लिख रहा
किसी ने जाना मुझे क्या दिख रहा  

हर कोई मुझसे मिलता 
मुस्कुराकर आगे चलता  
कोई पूछता क्या लिख रहे?
मेरा दिल अब क्या कहे?
कोने में बैठा 
मैं क्या सोच रहा, क्या लिख रहा
किसी ने ना जाना मुझे क्या दिख रहा

कभी कभी कोई मेरे पास आ जाता 
कुछ देर बतियाता  और चला जाता
काश वो जान पाता
मैं कोने में बैठा
क्या सोच रहा 
क्या लिख रहा और
मुझे क्या दिख रहा

धीरे धीरे मेरे शब्द लोगों तक पहुँच रहे
शायद कोई जान सके 
मेरे शब्द असल में क्या कहें
अब मैं लोगों के और करीब जा रहा 
शायद उन्हें समझ आये
मुझे क्या दिख रहा 
और
मैं क्या कहना चाह रहा|


Friday, August 17, 2012

खुबसूरत शहर


मैं भी कभी खुबसूरत था 
एक पावन मूरत था 
कोई आया और गुटका थूक गया
तुमने साफ़ नहीं किया 
और लाल रंग वहीं सूख गया  

मेरे हर कोने में आकर्षण था
तुम्हारी सभ्यता का मैं दर्पण था
कोई आया और मूत गया 
तुमने अनदेखा किया और
वो गीलापन वहीं सूख गया

मेरे कोनों ने इश्क का हर आयाम देखा 
यही पे आशिकों ने लांघी हर रेखा 
पर मुझपे प्यार की कहानी लिखना मज़बूरी नहीं था
इन नादान आशिकों से मुझे बचाना क्या ज़रूरी नहीं था?

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Tuesday, July 31, 2012

पता नहीं ...

तुमने कहा मैं कुछ लिखूं
पर क्या लिखूं, पता नहीं

तुमने इशारा किया अपनी आँखों से
पर क्या कहा पता नहीं

तुम्हारी आँखों में रंग है कई
कौन सा चुनु, पता नहीं

तुम्हारी पलकों के पीछे क्या छुपा है
कैसे जानू, पता नहीं

तुम पलकें खोलती हो
तो एक नया मौसम आता है
पर कौन सा, पता नहीं

तुम्हारी आँखों की गहराइयाँ,
कितनो के दिल भरती है,
ये तुम्हे पता नहीं

तुमने कहा मैं कुछ लिखूं
इतना कुछ है तुम्हारी आँखों में
क्या क्या लिखूं, पता नहीं|

Friday, July 6, 2012

कोई दूर जा रहा

कोई धीरे धीरे फिर से दूर जा रहा
क्या काला बादल फिर से छा रहा?
भगवान करे ये वहम हो
मेरी आशंकाओं का ये दहन हो
पर मैं झुठला भी तो नहीं पा रहा
कोई धीरे धीरे फिर से दूर जा रहा|

दूर हवा में उड़ाकर फिर से डोर छोड़ दी
मेरी ज़िन्दगी की कश्ती किसी दूसरी ही तरफ मोड़ दी
अपनी कश्ती समेत मैं गोते खा रहा
डूब रहा हूँ मैं या कोई मुझसे दूर जा रहा|

इतने करीब आकर मुझे बेगाना सा कर दिया
मेरा दिल निकालकर मुझे खाली पैमाना सा कर दिया
ऐसा लगा कोई आत्मा को छू कर प्यार का गीत गा रहा
एक बार फिर कोई धीरे धीरे मुझसे दूर जा रहा|

Wednesday, June 27, 2012

बरसात

ये बरसात  
क्या क्या लाती साथ
 
नीले आकाश से
 
बूँदें बेहिसाब
 
छूती मेरा चेहरा
 
चलता हुआ
 
भी मैं ठहरा
 
मिट्टी की खुशबू
 
मुस्कुराती मेरी रूह
 
पत्तियों पर ठहरी
 
नालों में बहती
 
हर बूँद है कुछ कहती
 
सब कुछ है ख़ास 
जो ये बरसात लाती साथ|

Tuesday, June 19, 2012

सफ़ेद कुर्ती



फिर से गुज़रा उन्ही रास्तों से
जहाँ हम दोनों मिला करते थे
आज भी वो कपड़ों की दूकान वही हैं
बस वो तुम्हारी सफ़ेद कुर्ती नहीं है|

कुछ नए कपडे भी आये हैं
गहरे नीले, हलके पीले
कुर्तियों की कमी नहीं है
बस वो तुम्हारी सफ़ेद कुर्ती नहीं है|

छांट रहा हूँ कुर्ती
कपड़ों के ढेर से
शायद वो यहीं कहीं है
पर वो तुम्हारी
सफ़ेद कुर्ती कहीं भी नहीं है|

Monday, June 18, 2012

तेरा भी ...मेरा भी ...

हम दोनों मिले आवाज़ दी 
दिल ने तेरे भी 
दिल ने मेरे भी

हम दोनों ने काफी समय बिताया
अच्छा तुझे भी लगा
अच्छा मुझे भी

हम दोनों ने एक दुसरे के दिल में झाँका 
मौका तुने भी दिया  
मौका मैंने भी

 हम दोनों के दिल अधूरे थे
पूरा तुने भी किया 
पूरा मैंने भी

हम दोनों ने प्यार किया 
दिल तुने भी दिया 
दिल मैंने भी

हम दोनों की शिकायतें उभर के आई 
गलतियाँ तुने भी की
गलतियाँ मैंने भी

हम दोनों एक दुसरे से दूर हो गए 
दिल तेरा भी टूटा 
दिल मेरा भी

Friday, June 15, 2012

इंतज़ार

इंतज़ार तेरा या तेरे प्यार का

इंतज़ार तेरा या तेरे इकरार का

तू है दूर और दिल मेरा बेकरार सा

कश्मकश में मैं

इक अनचाही तकरार सा

तेरा न होना

ज़िन्दगी का इनकार सा

तेरी मुस्कराहट के बिना

ये दिल एक बीमार सा

ये आंखें ढूंढे मौका

तेरे दीदार का

बस अब है इंतज़ार,

इंतज़ार तेरा और तेरे प्यार का|