तेरे हाथों की मेहंदी फ़ीकी पड़ रही
हर बीते दिन के साथ
पर प्यार गहराता जा रहा
हर बीते पल के साथ
तेरे हाथों की मेहँदी में
जो मेरा नाम था
धुंधलाता जा रहा
पर एक अनकहा प्यार बढता ही जा रहा
तेरे हाथों की मेहंदी फीकी पड़ रही
हर बीते दिन के साथ
पर उसकी खुशबू घुल रही मुझमे
मेरी हर साँस के साथ।
Saturday, December 29, 2012
तेरे हाथों की मेहंदी
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Saturday, November 24, 2012
पहली बार तुझसे बात हुई
पहली बार तुझसे बात हुई
शायद ख़त्म मेरी तालाश हुई
मैं बोलता रहा
तू मुस्कुराती रही
मैं पूछता रहा
तू बताती रही
कुछ बातें बहुत ही ख़ास हुई जब पहली बार तुझसे बात हुई
तेरी बातों से तेरी ख़ुशी झलकी
दिल की धड़कन अलग ही तरीके से धड़की
मैं पूछता रहा
तू सोचती रही
बिना बोले ही
तू दिल के अन्दर पहुँचती रही
कुछ धुंधली तस्वीरें भी साफ़ हुई
जब पहली बार तुझसे बात हुई
तेरी बातों ने तुझे मेरे और करीब ला दिया
"हम साथ हैं" एक ऐसा एहसास दिला दिया
मैं सुनता रहा
तू कहती रही
बिना देखे ही
बातों की नाव बहती रही
बातों की नाव बहती रही
इस जिंदगी के सफ़र में तू मेरे साथ हुई
जब पहली बार तुझसे बात हुई
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Thursday, November 15, 2012
कहाँ है तू
तू कहीं भी हो
कुछ फरक नहीं पड़ता
क्योंकि हर रात के बाद
है नया दिन चढ़ता
तू दूर है कहीं
जहाँ मैं तुझे देख नहीं पाता
पर तू मेरे दिल में ही है
मैं ये क्यों समझ नहीं पाता
मैं तेरी और मेरी मुलाकातों को याद करता हूँ
पर वो कहते हैं मैं वक़्त बर्बाद करता हूँ
उन्हें क्या पता
इन यादों में ही तेरा दीदार हो जाता है
न चाहते हुए भी फिर से प्यार हो जाता है।
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Saturday, October 27, 2012
तस्वीर
आज फिर उस तस्वीर ने तेरी याद दिला दी
मुरझाई हुई फितरत फिर से खिला दी
जब देखा उस तस्वीर को
कोसा अपनी तकदीर को
काश तू तस्वीर से बाहर आती
और मेरे अनकहे एहसास को समझ पाती|
आज फिर तेरी तस्वीर मुझे वहाँ ले गयी
जहाँ तू मुझे ढेर सारा प्यार दे गयी
तस्वीर में भी तेरी आँखें कुछ बोलती हैं
जैसे तेरे मेरे साथ का एक नया दरवाज़ा खोलती हैं
काश तू तस्वीर में पलकें झपकाती
और मेरे दिल को नया रास्ता दिखाती|
आज फिर तेरी तस्वीर मुझे देख के मुस्कुरा रही
कहीं तू मेरा मज़ाक तो नहीं उड़ा रही
तस्वीर में भी तुझे छूने को दिल करता है
तू बुरा ना मान जाये, दिल यही सोच के डरता है
काश तेरी तस्वीर की मुस्कराहट ही तेरी हाँ हो
मेरे दिल की तो हाँ ही है, तेरी चाहे ना हो|
Saturday, September 1, 2012
बात हो रही है तेरी मेरी
बात हो रही है तेरी मेरी
अच्छा लग रहा है
फिर भी कोई दूर,
बहुत दूर लग रहा है|
इतने दिन बात नहीं हुई
फिर भी तू पास ही थी
तेरी आवाज़ सुनी
ख़ुशी हुई
पर तू पास नहीं थी|
तेरी आवाज़ सुन के
अब भी मुस्कुराता हूँ
क्या सही में कुछ बदल गया
बस इस सोच में पड़ जाता हूँ|
तू भी मुस्कुरा कर जवाब देती है
मेरी बातों का
स्पर्श अभी भी याद है
मुझे तेरे हाथों का
तेरी आवाज़ सुनते ही
मुट्ठी बंद कर लेता हूँ
तेरा हाथ नहीं होता तो
इस बुरे एहसास को अपनी
हँसी में बंद कर देता हूँ|
खुश हो जाता हूँ यही सोच के
कि बात हो रही है तेरी मेरी
काश जान पाता क्या छुपा रही है
ये खुबसूरत मुस्कराहट तेरी|
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Friday, August 24, 2012
मैं क्या चाह रहा
मैं कोने में बैठा
कुछ सोच रहा, कुछ लिख रहा
किसी ने जाना मुझे क्या दिख रहा
हर कोई मुझसे मिलता
मुस्कुराकर आगे चलता
कोई पूछता क्या लिख रहे?
मेरा दिल अब क्या कहे?
कोने में बैठा
मैं क्या सोच रहा, क्या लिख रहा
किसी ने ना जाना मुझे क्या दिख रहा
कभी कभी कोई मेरे पास आ जाता
कुछ देर बतियाता और चला जाता
काश वो जान पाता
मैं कोने में बैठा
क्या सोच रहा
क्या लिख रहा और
मुझे क्या दिख रहा
धीरे धीरे मेरे शब्द लोगों तक पहुँच रहे
शायद कोई जान सके
मेरे शब्द असल में क्या कहें
अब मैं लोगों के और करीब जा रहा
शायद उन्हें समझ आये
मुझे क्या दिख रहा
और
मैं क्या कहना चाह रहा|
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Friday, August 17, 2012
खुबसूरत शहर
मैं भी कभी खुबसूरत था
एक पावन मूरत था
कोई आया और गुटका थूक गया
तुमने साफ़ नहीं किया
और लाल रंग वहीं सूख गया
मेरे हर कोने में आकर्षण था
तुम्हारी सभ्यता का मैं दर्पण था
कोई आया और मूत गया
तुमने अनदेखा किया और
वो गीलापन वहीं सूख गया
मेरे कोनों ने इश्क का हर आयाम देखा
यही पे आशिकों ने लांघी हर रेखा
पर मुझपे प्यार की कहानी लिखना मज़बूरी नहीं था
इन नादान आशिकों से मुझे बचाना क्या ज़रूरी नहीं था?
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Tuesday, July 31, 2012
पता नहीं ...
तुमने कहा मैं कुछ लिखूं
पर क्या लिखूं, पता नहीं
तुमने इशारा किया अपनी आँखों से
पर क्या कहा पता नहीं
तुम्हारी आँखों में रंग है कई
कौन सा चुनु, पता नहीं
तुम्हारी पलकों के पीछे क्या छुपा है
कैसे जानू, पता नहीं
तुम पलकें खोलती हो
तो एक नया मौसम आता है
पर कौन सा, पता नहीं
तुम्हारी आँखों की गहराइयाँ,
कितनो के दिल भरती है,
ये तुम्हे पता नहीं
तुमने कहा मैं कुछ लिखूं
इतना कुछ है तुम्हारी आँखों में
क्या क्या लिखूं, पता नहीं|
पर क्या लिखूं, पता नहीं
तुमने इशारा किया अपनी आँखों से
पर क्या कहा पता नहीं
तुम्हारी आँखों में रंग है कई
कौन सा चुनु, पता नहीं
तुम्हारी पलकों के पीछे क्या छुपा है
कैसे जानू, पता नहीं
तुम पलकें खोलती हो
तो एक नया मौसम आता है
पर कौन सा, पता नहीं
तुम्हारी आँखों की गहराइयाँ,
कितनो के दिल भरती है,
ये तुम्हे पता नहीं
तुमने कहा मैं कुछ लिखूं
इतना कुछ है तुम्हारी आँखों में
क्या क्या लिखूं, पता नहीं|
Friday, July 6, 2012
कोई दूर जा रहा
कोई धीरे धीरे फिर से दूर जा रहा
क्या काला बादल फिर से छा रहा?
भगवान करे ये वहम हो
मेरी आशंकाओं का ये दहन हो
पर मैं झुठला भी तो नहीं पा रहा
कोई धीरे धीरे फिर से दूर जा रहा|
दूर हवा में उड़ाकर फिर से डोर छोड़ दी
मेरी ज़िन्दगी की कश्ती किसी दूसरी ही तरफ मोड़ दी
अपनी कश्ती समेत मैं गोते खा रहा
डूब रहा हूँ मैं या कोई मुझसे दूर जा रहा|
इतने करीब आकर मुझे बेगाना सा कर दिया
मेरा दिल निकालकर मुझे खाली पैमाना सा कर दिया
ऐसा लगा कोई आत्मा को छू कर प्यार का गीत गा रहा
एक बार फिर कोई धीरे धीरे मुझसे दूर जा रहा|
Wednesday, June 27, 2012
बरसात
ये बरसात
क्या क्या लाती साथ
नीले आकाश से
बूँदें बेहिसाब
छूती मेरा चेहरा
चलता हुआ
भी मैं ठहरा
मिट्टी की खुशबू
मुस्कुराती मेरी रूह
पत्तियों पर ठहरी
नालों में बहती
हर बूँद है कुछ कहती
सब कुछ है ख़ास
जो ये बरसात लाती साथ|
क्या क्या लाती साथ
नीले आकाश से
बूँदें बेहिसाब
छूती मेरा चेहरा
चलता हुआ
भी मैं ठहरा
मिट्टी की खुशबू
मुस्कुराती मेरी रूह
पत्तियों पर ठहरी
नालों में बहती
हर बूँद है कुछ कहती
सब कुछ है ख़ास
जो ये बरसात लाती साथ|
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Tuesday, June 19, 2012
सफ़ेद कुर्ती
फिर से गुज़रा उन्ही रास्तों से
जहाँ हम दोनों मिला करते थे
आज भी वो कपड़ों की दूकान वही हैं
बस वो तुम्हारी सफ़ेद कुर्ती नहीं है|
कुछ नए कपडे भी आये हैं
गहरे नीले, हलके पीले
कुर्तियों की कमी नहीं है
बस वो तुम्हारी सफ़ेद कुर्ती नहीं है|
छांट रहा हूँ कुर्ती
कपड़ों के ढेर से
शायद वो यहीं कहीं है
पर वो तुम्हारी
सफ़ेद कुर्ती कहीं भी नहीं है|
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Monday, June 18, 2012
तेरा भी ...मेरा भी ...
हम दोनों मिले आवाज़ दी
दिल ने तेरे भी
दिल ने मेरे भी
हम दोनों ने काफी समय बिताया
अच्छा तुझे भी लगा
अच्छा मुझे भी
हम दोनों ने एक दुसरे के दिल में झाँका
मौका तुने भी दिया
मौका मैंने भी
हम दोनों के दिल अधूरे थे
पूरा तुने भी किया
पूरा मैंने भी
हम दोनों ने प्यार किया
दिल तुने भी दिया
दिल मैंने भी
हम दोनों की शिकायतें उभर के आई
गलतियाँ तुने भी की
गलतियाँ मैंने भी
हम दोनों एक दुसरे से दूर हो गए
दिल तेरा भी टूटा
दिल मेरा भी
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Friday, June 15, 2012
इंतज़ार
इंतज़ार तेरा या तेरे प्यार का
इंतज़ार तेरा या तेरे इकरार का
तू है दूर और दिल मेरा बेकरार सा
कश्मकश में मैं
इक अनचाही तकरार सा
तेरा न होना
ज़िन्दगी का इनकार सा
तेरी मुस्कराहट के बिना
ये दिल एक बीमार सा
ये आंखें ढूंढे मौका
तेरे दीदार का
बस अब है इंतज़ार,
इंतज़ार तेरा और तेरे प्यार का|
इंतज़ार तेरा या तेरे इकरार का
तू है दूर और दिल मेरा बेकरार सा
कश्मकश में मैं
इक अनचाही तकरार सा
तेरा न होना
ज़िन्दगी का इनकार सा
तेरी मुस्कराहट के बिना
ये दिल एक बीमार सा
ये आंखें ढूंढे मौका
तेरे दीदार का
बस अब है इंतज़ार,
इंतज़ार तेरा और तेरे प्यार का|
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