Friday, February 8, 2013

उम्र बढती जाएगी


उम्र  बढती  जाएगी
जवानी चली जाएगी
फिर भी 
मेरी बूढी  होती उँगलियाँ 
तेरी  सफ़ेद लटों को सहलायेंगी
और तू मेरे झुर्रियों से भरे चेहरे के बीच 
छोटी-छोटी आँखों में अपना अक्स देख पायेगी
मैं भी तेरा चश्मा उतार कर  
कोशिश करूँगा खुद को देखने की
तेरी आदत नहीं  जाएगी 
शरमाकर  "रहने  दो” कहने  की 
और  मुझे कस के गले लगाने की
शरारती हम फिर भी रहेंगे
जब उम्र बढती जाएगी
और जवानी चली जाएगी|

काजल तेरी आँखों को जितना आज भाता है
तब भी उतना ही भायेगा 
बस फरक इतना होगा कि
वो तेरी बढती उम्र के कुछ साल खायेगा 
कपडे चुनते हुए तू तब भी confuse रहेगी
आज क्या पहनू? तू फिर से यही कहेगी
इतने सालों बाद तो शायद मुझे समझ आ ही जाएगी
कि  तुझपे तो सब जचता है, पर तुझे कब समझ आएगी
ये सब तब भी होगा
जब उम्र बढती जाएगी
और जवानी चली जाएगी|

फरवरी के कुछ एक दिन 
हमेशा की तरह इश्किया मौसम के रहेंगे  
Rose  Day पे मेरे मुरझाये हुए हाथ 
खिला हुआ गुलाब देंगे 
और Propose Day पे तेरे बूढ़े पति
अपने प्यार के इज़हार का जवाब लेंगे
जब उम्र बढती जाएगी
जवानी चली जाएगी पर
इस बूढ़े बूढी की प्रेम कहानी चलती जाएगी|